दिन हों बस तेरे आगोश में
रातें हों तेरी बाहों में
दिल लगता नहीं है अब बिन तेरे
यादें बस अब तेरी मेरे ख्याल में मेरे
दूरियां इतनी हैं की मिटाई नहीं जा रही
तनहाई अब मुझे खाए है जा रही
तुझ संग जीने का सपना लिए आँखों में
किस्मत पर मुझे हंसी है आ रही
इतने प्यार से जीवन को वाखिफ करवा कर
दूरियां देकर ये मुझसे खेले जा रही
आऊंगा एक दिन पाऊंगा में प्यार तेरा भी
इतनी जल्दी किस्मत से मानी है मैंने हार नहीं
शांत ज़रूर हूँ पर हूँ में लाचार नहीं
सोचना कभी मत ऐसा के मुझे तुमसे प्यार नहीं।
- अनमोल रतन सचदेवा
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